Saturday 1 December 2012

एक विचार

वर्ष 2012 समाप्त होने को है और मैं एक बहुत ही लम्बे समय के पश्चात अपने इस प्रिय ब्लॉग पर लौट सका हूँ। कुछ व्यस्तताओं और निजी अस्वस्थथा होने के कारण यह विलंभ हुआ, आशा है आप लोग क्षमा करेंगे।
कुछ समझ नहीं पा रहा हूँ की कहाँ से शुरू करूँ। कहावत है की शुरुवात अच्छे से ही करनी चाहिए तो अभी कुछ दिन पहले ही समाचार आया है कि ब्रिटेन के भारतीय मूल के बड़े व्यवसायी श्री लक्ष्मी मित्तल और फ्रांस सरकार में समझोता होगया है कि श्री मित्तल अब अपना फ्लोरंगे साईट की स्टील फैक्ट्री नहीं बंद करेंगे जिससे लगभग 650 फ्रांस के लोग बेरोजगारी के खतरे से बच गए और इस प्रकार से विश्व ने देखा की किस प्रकार से भारतीय भी जन हित को ध्यान में रख कर व्यवसायिक योजनायें बनाने में सक्षम हैं। इसी के साथ कुछ समय पहले यह समाचार भी सुखदायी थे कि अग्नि V के प्रक्षेपण के साथ ही भारत भी विश्व की 6 बड़ी सामरिक शक्तियों के समूह में  शामिल हो गया है। इसी के साथ भारत के पास भी अब 8000 किलोमीटर लम्बी दूर मार करने वाली प्रक्षेपात्र उपलब्ध है।
ख़राब समाचरों में भारत देश में भ्रटाचार एक बहुत बड़ी बीमारी के रूप में साफ़ दिखाई दिया है जहाँ इतने बड़े बड़े घोटाले सुनायी दे रहे हैं की एक आम भारतीय तो शायद कभी ठीक से पैसे की उस मात्रा और उनकी पूरी गिनती भी न कर पाए। परन्तु जैसे गुलामी के अँधेरे में राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी और अन्य महा पुरुष सक्रिय थे और वे सफल भी हुए उसी प्रकार से आज भी हमारे सामने इस भ्रटाचार रुपी राक्षस से लड़ने के लिए भी नायक उपलब्ध हैं। हम सभी को मिलकर उनके सफल होने की कामना करनी चाहिए। 
आज के लिए बस इतना ही, शेष फिर। जल्दी ही कुछ उपयोगी लेख के साथ उपस्थित होऊंगा। धन्यवाद ।