Sunday 1 August 2010

प्रथम कक्षा

आज दिनांक १ अगस्त २०१०, दिन रविवार को हिंदी की कक्षा विधिवत शुरू होगई और बहुत ही जोश के साथ करीब ५-६ परिवारों ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया. बच्चों की संख्या भी करीब ११ थी.
शुरुवात करते हुए चित्रा पन्त जी ने बहुत ही सुन्दर ढंग से हिंदी क्लाससेस के महत्व पर प्रकाश डाला और इन कक्षायों के उद्धेश्य  बच्चों के माँ-पिताजी के सामने रखे. चित्रा जी ने बच्चों से संस्कृत का सुन्दर श्लोक बोलवाया और बच्चों को उनका नाम हिंदी में लेने के लिए प्रेरित किया. बच्चों ने बड़े ही सुन्दर ढंग से पूर्ण आत्मा विस्वास के साथ अपना परिचय पुरे क्लास को दिया.
करीब १ घंटे तक विविध विषयों पर बोलने के बाद चित्रा जी ने मेरा परिचय सारे क्लास से कराया. बच्चों के सामने मैंने अपने आप को बच्चे जैसा ही पाया और यह देख कर बहुत ही ख़ुशी हुई की वहां उपस्थित परिवारों को अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति जारुकता है और व्हे प्रयास भी कर रहे हैं की उनके बच्चों में भीवह संस्कार आये.
अब यह जिम्मेदारी हम आयोजको और अध्यापक गन की है कि हिन्दू परिवारों कि इस भावना को बनाने रखने के लिए कठिन परिश्रम करें और बच्चों में हिंदी शिक्षा और हिन्दू संस्कारों का उचित ज्ञान दे संके.
आज बच्चों ने हिंदी वर्ण माला के ६ स्वर अक्षर (अ आ इ ई उ ऊ) का स्पष्ट उत्चारण किया और लगता था कि पदने के लिए उनमे उत्साह है.
कक्षा का समापन फिर से चित्रा जी के संक्षिप्त सूचना से हुआ जिसमे अगले क्लास और अन्य व्यवस्था बताई गयी.
अगले हफ्ते में व्यक्तीकत कार्यों से नगर से बाहर जा रहा हूँ अत: मैं कक्षा में उपस्थित नहीं रहूँगा परन्तु यह ब्लॉग में जैसे ही अगला अपडेट तंयार होगा तो निसंदेह दीखाई देगा.
धन्यवाद.

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