पांचवी कक्षा, दिनांक ३० अगस्त २०१०, दिन रविवार
आज के कक्षा की जिम्मेदारी चित्रा जी और उषा जी पर थी और मैं अपने निजी कार्य से घर पर ही था.
कक्षा में आज से व्यंजन का अध्धयन आरम्भ हो गया. चित्रा जी ने स्वरों का पूर्ण अभ्यास और प्रथम दो व्यंजन जैसे क, ख, इत्यादि के लेखन और उच्चारण का बच्चों को अभ्यास कराया.
जैसा कि व्यवस्था है उसके अनुसार मेरी जिम्मेदारी अगली कक्षा अर्थात ०५ सितम्बर की है और में उस कक्षा में व्यंजन के अध्यन और लेखन को ही आगे बताऊंगा. मैं पूर्व में किये हुए व्यंजनों का संक्षिप्त पुन: अवलोकन करूँगा और आगे के व्यंजन पर ध्यान दूंगा और कोशिश करूँगा की कम से कम आठ व्यंजन यानी क, ख, ग, घ, ड, च, छ, ज, झ इत्यादि का बच्चों को अभ्यास करवा सकूँ. इतना करने के लिए शायद थोडा पढ़ाई की गति तेज होगी मगर मुझ बच्चों की अभी तक की प्रगति से पूरा विश्वास है की हम यह कर सकेंगे.
कक्षा में न जा कर भी मेरा मन बच्चों के हिंदी ज्ञान के बारे में लगा रहता है और मैं समय निकाल कर पुस्तकालयों और इन्टरनेट में उपलब्ध बहुत सारी जानकारियों का स्वयं अध्धयन करता हूँ और उस में से समय समय पर आपको भी उचित सहायक सूचना ग्रन्थ का परिचय देता रहता हूँ. साथ में और भी हिंदी भाषा से जुडी अन्य रुचिकर सूचना/ जानकारी ब्लॉग में अपलोड करता रहता हूँ. आशा है आप लोग मेरे इस हिंदी ब्लॉग में उपलब्ध सूचना का लाभ जरूर लेते होंगे .
अगली कक्षा से पहले मेरा प्रयास होगा की मैं कक्षा के दिसम्बर २०१० तक के कार्यक्रम के अनुमोदित समय सारणी को इस ब्लॉग में अपलोड कर सकूँ. शेष विवरण अगली कक्षा के बाद ....धन्यवाद .
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